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नैतिक रास्ता और अनैतिक रास्ता

July 27, 2023

एक समय की बात है, एक गांव में एक बुढ़िया रहती थीं। उनके पास एक बड़ा सा पेड़ था, जिस पर बगीचे के लिए कई प्रकार के फल उगते थे। बुढ़िया ने उसे अपनी सम्पत्ति मान लिया था और रोज़ाना उस पेड़ की देखभाल करती थीं।

एक दिन, एक युवक गांव के पास से गुजर रहा था और उसने उस बड़े पेड़ के फलों को देखा। उसे बहुत खुशी हुई और उस बुढ़िया के पास गया और बोला, "दादीजी, आपके पेड़ पर इतने सारे स्वादिष्ट फलों को देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। क्या आप थोड़ा सा फल मुझे दे सकती हैं?"

बुढ़िया ने प्यार से उसका स्वागत किया और उसे फल देने को तैयार हो गईं। लेकिन जैसे ही उसने कटवाया एक फल, उसे एक और विचार आया कि वो इतने फल तो खुद खाने के लिए रखे थे। अगर वो इन्हें युवक को दे देगी तो शायद उसे खुशी मिलेगी, लेकिन बुढ़िया खुद रोज फल खाने से वंचित रह जाएगी।

इस समय, उसके सामने दो रास्ते दिखाई दिए - एक नैतिक रास्ता और दूसरा अनैतिक रास्ता। उसके मन में संघर्ष हुआ, लेकिन अंततः नैतिकता की जीत हो गई। बुढ़िया ने वो युवक को एक फल दिया और बोला, "बेटा, यह फल तुम्हारे लिए। याद रखना, सच्चे मन से दिया हुआ वो फल सबसे स्वादिष्ट होता है।"

युवक बहुत प्रसन्न हुआ और उस फल का स्वाद अच्छा नहीं, बल्कि अद्भुत था। उसे एक अच्छा सबक मिला कि नैतिकता सदैव सफलता की ओर ले जाती है और अनैतिकता अन्ततः नुकसान ही पहुंचाती है।

यह नैतिक कहानी हमें यह सिखाती है कि जिंदगी में हमें नैतिकता के मार्ग पर चलना चाहिए और यदि हम सही और ईमानदार रास्ते पर चलते हैं, तो हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने में सफलता मिलती है और हमारे जीवन को खुशियों से भर देती है।